[ भूमिगत लाइन क्या है 2024 ] संरचना, प्रकार, दोष, अंडरग्राउंड केबल के प्रकार | Underground Electrical Cables in Hindi

भूमिगत लाइन क्या है | अंडरग्राउंड केबल के प्रकार | भूमिगत केबल की संरचना | अंडरग्राउंड केबिल का उपयोग कितने KV तक करते है | विद्युत रोधन के अनुसार केबल का वर्गीकरण | अंडरग्राउंड केबल के दोष | भूमिगत केबल बिछाने की विधि | भूमिगत केबल में बैंडिंग | Types of underground cables

भूमिगत-विद्युत-लाइन

विद्युत सप्लाई का वितरण दो प्रकार से करते है 1.सिरोपरी लाइन 2. भूमिगत लाइन अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सिरोपरी लाइन से वितरण करना संभव नहीं है इसलिए हम अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भूमिगत लाइन का उपयोग करते है विद्युत शक्ति के वितरण के लिए सिरोपरी लाइन की तुलना में भूमिगत लाइन को वरीयता दी जाती है इसकी लागत तो अधिक आती है लेकिन यह सुरक्षा की दृष्टि से बहुत उपयोगी है |

वोल्टेज क्षमता के आधार पर अंडरग्राउंड केबल कितने प्रकार की होती है ?

वोल्टेज क्षमता के अनुसार अंडरग्राउंड केबल निम्न तीन प्रकार की होती है –

  1. L.T Cable = 1.1 kv से कम वोल्टेज
  2. H.T Cable = 1.1 kv से अधिक 11kv से कम
  3. E.H.T Cable = 11kv से अधिक

अंडरग्राउंड केबल विद्युत रोधन का वर्गीकरण –

  1. P.V.C (Poly Vinayal Cloride) पॉली विनायल क्लोराइड केबिल |
  2. M.I (Metlik Insulation) खनिज विधुतरोधन केबिल |
  3. P.I.L.C (Pepar Insulation Lead Cover) कागज विधुतरोधी शीशा कवचित केबिल |
  4. X.L.P.E (Cross linked Poli Ething) क्रॉस लिंक्ड पाॅली एथीलीन केबिल |
  5. P.I.L.C.D.T.A (PeparInsulation Lead Cover Double Taped Armoured) कागज विधुतरोधी शीशा कवचित डबल टेप केबिल |

भूमिगत केबल की संरचना कैसी होती है ?

भूमिगत केबल की सामान्य संरचना :- CIMBAS

“C” का अर्थ क्रोर उच्चतम चालकता के लिए एक केंद्र कोड या तांबा एलुमिनियम के अनेक क्रोड होते हैं सामान्यत 1,2,3, तथा 4 क्रोड होते है |

“I” का अर्थ इन्सुलेशन(अचालक आवरण) चालक को विद्यु त रोधी करने वाले या उपयोग होने वाले कम माध्यम वोल्टता के लिए विभिन्न विधुत रोधन कागज वार्निश किए हुए कैम्ब्रिज तथा वल्कनित बिटटूमन्स है अधिकांशतः कागज का उपयोग किया जाता है |
यदि कैम्ब्रिज का उपयोग किया जाता है तो उसमें टेपों के बीच एक पैट्रोलियम जेली होती है जो घर्षण के समय विधुत रोधन को क्षति होने से रोकती है |

“M” का अर्थ मैटालिक शीथ (धात्विक आवरण) इसका मुख्य कार्य विद्यु त रोधन पदार्थ में नमी को रोकना | ये धात्विक आवरण सामान्यतः शीशे
के मिश्रण का होता है |

“B” का अर्थ बैडिंग (संस्तरण) धात्विक आवरण के ऊपर एक परत होती है जिसमें रेशेदार पदार्थ के साथ यौगिक टेप होती है कभी-कभी जूट की
लडियाँ या हेफन टेप को भी बैडिंग के लिए उपयोग किया जाता है इसका मुख्य: कार्य धात्विक आवरण को कवच से यांत्रिक चोट से रक्षा करना है |
यह केवल धात्विक आवरण की सुरक्षा के लिए बैडिंग होती है |

“A” का अर्थ आर्मरिंग (कवच) कवच का कार्य यांत्रिक चोट से बचाना है इससे स्टील टेप की एक या दो परते या गैल्वेनीकृत स्टील तार की एक या दो परत होती है |

“S” का अर्थ सर्विंग (प्रास्तरण) कवच पर इसके ऊपर रेशेदार पदार्थ पुनः उपलब्ध होता है जो चरण के समान होता है |

Underground-Electrical-Cables-in-Hindi
अंडरग्राउंड केबल

भूमिगत केबल कितने प्रकार की होती है ?

यह संरचना के आधार पर निम्न प्रकार की होती है-

बैल्टेड केबल इसमें प्रत्येक कोर तथा सभी कोर संयुक्त रूप से कागज की पटि्टयो द्वारा इंसुलेटेड की जाती है |

‘H’ प्रकार की केबिल इस प्रकार के केबिल कि प्रत्येक कोर पर अचालक पर्त चढ़ाने के बाद उस पर छिद्रयुक्त धात्विक कवर चढ़ाया जाता है इसके बिल कि संरचना बैल्टेड केबिल के समान होती है इस प्रकार की केबिल 66kv लाइन में प्रयोग किए जाते है |

SL केबिल इस प्रकार की केबल में प्रत्येक कोर पर अचालक पर्त धात्विक खोल बैल्डिंग तथा आर्मरिंग की जाती है ऐसे केबिल पर्वतीय क्षेत्रों के लिए
सबसे ज्यादा उपयुक्त होते है |

HSO केबिल इस केबिल की कटाक्ष आकृति गोल न होकर त्रिभुजाकार की जाती है जिससे इसका वजन एवं उष्मीय प्रतिरोध घट जाता है इसकी
संरचना SL केबिल के समान होती है |

PILC केबिल यह सामान्य प्रकार का पेपर इंसुलेटेड प्रकार का केबिल है इसमें आर्मरिंग नहीं होती है यह निम्न वोल्टेज वोल्टेज तथा मध्यम वोल्टेज
वोल्टेज के लिए उपयुक्त होती है |

PILCSTA केबिल इस केबिल का उपयोग उच्च वोल्टेज जैसे 11kv तक के लिए किया जाता है |

PIL CDTA केबिल यह दूहरी आर्मरिंग युक्त बैल्टेड केबिल होती है इसका उपयोग 33kv तक किया जाता है |

ऑयल-फील्ड गैस-प्रेशर केबिल – यह केबिल PILCDTA प्रकार की केबिल होती है जिसमें लेड आवरण के अंदर फाइबर/जूट पदार्थ के स्थान पर
ट्रांसफार्मर ऑयल भरा जाता है इसका उपयोग 66kv से 120 kv तक किया जाता है |

अंडरग्राउंड-केबल-कितने-प्रकार-की-होती-है
अंडरग्राउंड केबल कितने प्रकार की होती है

PVC केबिल वर्तमान समय में सर्वाधिक प्रचलित केबिल है इसका उपयोग 1.1 kv तक किया जाता है इस केबिल की प्रत्येक कोर को पृथक-पृथक पी.वी.सी से इंसुलेटेड करने के बाद सभी कोर्स को पुन: पी.वी.सी से इंसुलेट किया जाता है इसका उपयोग वेदरप्रूफ तथा अन्डरग्राउंड केबिल में रूप
में किया जा सकता है |

साढ़े तीन कोर केबिल यह 4 कोर वाली दूहरी आर्मरिंग युक्त बेल्टेड केबिल है इसमें तीन कोर तो सामान्य मोटाई की होती है जबकि चौथी कोर अन्य 3 कोर से आधी मोटाई की होती है इसलिए इसे यह साढ़े तीन कोर केबल कहलाती है |
इसका उपयोग उद्योगशाला में मध्यम वोल्टेज बैलेंस्ड-लौड संयोजित करने के लिए किया जाता है |

भूमिगत लाइन क्या है / भूमिगत लाइन क्या है

अंडरग्राउंड केबिल को बिछाने के लिए खाई की चौड़ाई कितनी होती है ?

– केबिल को बिछाने के लिए खाई की न्यूनतम चौड़ाई- 35 सेंटीमीटर
– यदि खाई में दो या दो से अधिक केबिल है तो केवल के बीच की दूरी- 20 सेंटीमीटर

अंडरग्राउंड केबिल का उपयोग कितने KV तक करते है ?

अंडरग्राउंड केबिल का सामान्यतः 66kv तक किया जाता है 66kv से अधिक पर भी इसका उपयोग कर सकते है |

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