[ अल्टरनेटर क्या होता है 2024 ] प्रकार, मुख्य भाग, संरचना, कार्य सिद्धांत | Electrical Alternator in Hindi

अल्टरनेटर का कार्य सिद्धांत | अल्टरनेटर के मुख्य भाग | अल्टरनेटर क्या काम करता है | अल्टरनेटर की कीमत | अल्टरनेटर कितने प्रकार के होते हैं | अल्टरनेटर क्या होता है | अल्टरनेटर 5kw कीमत | अल्टरनेटर की संरचना

विद्युत कैसे बनती है मानव को विद्युत तकनीकों में धीरे-धीरे विकास होने पर विद्युत को उत्पन्न करने के या विद्युत पैदा करने के साधन की खोज की और आगे बढ़ने लगा, जो आज के समय दुनिया की 75% से ज्यादा विद्युत अल्टरनेटर से प्राप्त की जाती है अल्टरनेटर एक प्रकार से ऐसी विद्युतिक युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है यह मशीन यांत्रिक ऊर्जा की क्षमता/पावर के अनुसार क्षमता में मनाई जाती है जिसकी मूलभूत सामान्य जानकारी और फील्ड के व्यक्ति, विद्यार्थी, इंजीनियर, औद्योगिक क्षेत्र के कार्यरत व्यक्ति को इसके बारे में सामान्य जानकारी का होना बहुत आवश्यक एवं जरूरी है |

अल्टरनेटर-क्या-होता-है
अल्टरनेटर क्या होता है

आइए जानते है अल्टरनेट से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी –

प्रमुख बिंदु - देखे

अल्टरनेटर क्या होता है ?

अल्टरनेटर प्रत्यावर्ती धारा (AC) उत्पन्न करने वाला विद्युत जनित्र है वर्तमान समय में शक्ति उत्पादन केंद्रों पर सबसे ज्यादा उत्पादन अल्टरनेटर द्वारा किया जाता है यह यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है यह एक तुल्यकालिक मशीन है |

अल्टरनेटर का कार्य सिद्धांत ?

अल्टरनेटर (प्रत्यावर्तक) फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है |

अल्टरनेटर की मौलिक आवश्यकताएं ?

चुंबकीय क्षेत्र
आर्मेचर
स्लिप रिंग
ब्रुश
एक्साइटर (उत्तेजक)
यांत्रिक ऊर्जा

अल्टरनेटर के मुख्य भाग ?

बॉडी:-

छोटी मशीनों में कास्ट आयरन तथा बड़ी मशीनों में कास्ट स्टील की बनाई जाती है इसके मुख्यतः दो कार्य होते है
• यांत्रिक सुरक्षा प्रदान करना
• चुम्बकीय बल रेखाओं के लिए पथ प्रदान करना है |

स्टेटस:

इसमें मुख्यता आर्मेचर कोर होती है और कोर के आंतरिक परीधी पर खांचे कटे होते हैं जिसके आर्मेचर की कोयल को स्थापित किया जाता है |
• आर्मेचर कोर को सिलिकॉन स्टील की पत्तियों यों को वानिश करके जोड़कर बनाया जाता है |
• इन पतियों में छीद्र होते है जिनमें से वायु प्रवाह के कारण उष्मा बाहर निकलती है |

रोटर:-

क्षेत्र की कोयल को स्थापित करने के लिए प्रयोग किया जाता है यह दो प्रकार के होते है-

(A) सेलिएण्ट पोल रोटर:-• इसका व्यास अधिक होता है तथा इसकी अक्षय लंबाई कम होती है |
• इसमें पोलो की संख्या 6 से 40 तक होती है | और इसकी गति 375 rpm से 1000 rpm तक होती है |
• इसने पोल अधिक होने के कारण इसमें शोर भी अधिक होता है या स्टील स्टेम्पिग का बना होता है |
• इसकी गति मध्यम या निम्न होती है जैसे- हाइड्रो टरबाइन
(B) बेलनाकार पोल रोटर:-• इसका व्यास कम होता है तथा इसकी अक्षिय लंबाई अधिक होती है |
• इसमें पोलो की संख्या 2 से 4 होती है इसकी गति 1500 rpm से 3000 rpm तक होती है
• पोलो की संख्या कम होने के कारण इसमें शोर भी कम होता है |
• यह ठोस स्टील (सॉलिड स्टील) का बनाया जाता है इसकी गति उच्च होती है जैसे टर्बो टरबाइन, वाष्प टरबाइन
अल्टरनेटर-क्या-होता-है
अल्टरनेटर क्या होता है

अल्टरनेटर मे एक्साइटर का उपयोग क्या है ?

  • एक्साइटर के रूप में शन्ट व कंपाउंड जनित्र का उपयोग किया जाता है इसकी सहायता से 250 वोल्ट तक स्लिप रिंग द्वारा रोटर कोयल को विद्युत सप्लाई प्रदान की जाती है |
  • शन्ट तथा कंपाउंड जनित्र को शाफ्ट के ऊपर स्थापित किया जाता है |
  • रियोस्टेट की सहायता से रोटर की चुंबकीय क्षेत्र उत्तेजना को घटाया बढ़ाया जा सकता है |

रोटेटिंग के आधार पर अल्टरनेटर के प्रकार ?

रोटेटिंग आर्मेचर अल्टरनेटर:-

इसमें आर्मेचर स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य घूर्णन गति करेगा और आर्मेचर की वाइंडिंग में उत्तेजित होने वाला विद्युत वाहक बल स्लिप रिंग की सहायता से बह्यय परिपथ मैं प्रदान किया जाता है |

रोटेटिंग फील्ड अल्टरनेटर:-

  • इसमें स्थित आर्मेचर में चुंबकीय क्षेत्र घूर्णन गति करता है |
  • चुंबकीय क्षेत्र के घूमने के कारण आर्मेचर में विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है और आर्मेचर में उत्पन्न विद्युत वाहक बल को सीधे ही बह्यय लोड में प्रदान किया जाता है |
  • इसमें रोटर घूमता है इस कारण इसे रोटेटिंग फील्ड रोटर भी कहते है |

Note :-

  • इसमे फेज की संख्या कितनी भी हो स्लिप हमेशा दो ही लगेगी
  • रोटेटिंग फील्ड से उच्च वोल्टता (11kv-33kv) तथा अधिक क्षमता प्राप्त की जा सकती है | 

फेज के आधार पर अल्टरनेटर के प्रकार ?

सिंगल फेज अल्टरनेटरथ्री फेज अल्टरनेटर
सिंगल फेज अल्टरनेटर में आर्मेचर वाइंडिंग को उसमे प्रेरित होने वाले विद्युत वाहक बल के सहायक के रूप में जोड़ा जाता है |
अतः आर्मेचर वाइंडिंग के श्रेणी क्रम में संयोजित होती है |
इसमें फेज अंतर 120 डिग्री का होता है तथा जब थ्री फेज अल्टरनेटर में लोड परिवर्तित किया जाता है तो अल्टरनेटर थोड़ा बहुत कंपन करता है अर्थात घूर्णन गति परिवर्तन होती है |
इस दोष को हंटिंग दोष या फेज स्विगिग दोष कहते हैं इस दोष को दूर करने के लिए डेम्पर वाइंडिंग लगाई जाती है डेम्पर वाइंडिंग को रोटर पोल में
स्थापित किया जाता है |

अल्टरनेटर का विद्युत वाहक बल = Erms = 4.44.f.T.Kp.Kd
आवृत्ति (f) = PN/120

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तुल्यकालन किसे कहते है ?

दो या दो से अधिक प्रत्यावर्तन को समांतर क्रम में पूर्ण समन्वय के साथ जोड़कर चलाना सिंक्रोनाइजिंग अथवा तुल्यकालन कहलाता है |

सिंक्रोनाइजिंग करने की मुख्यतः तीन प्रमुख शर्तें निम्न-

  1. समान वोल्टता
  2. समान आवृत्ति
  3. समान फेज क्रम

अल्टरनेटर में कितने स्लिप रिंग होते है ?

रोटेटिंग फील्ड प्रकार के अल्टरनेटर (प्रत्यावर्तक) में केवल दो स्लिप रिंगो की आवश्यकता होती है |

अल्टरनेटर (प्रत्यावर्तक) का वोल्टेज रेगुलेशन ?

अल्टरनेटर (प्रत्यावर्तक) का वोल्टेज रेगुलेशन = VNL-VFL/VFL×100 होता है (प्रतिशत %) में

पिच फैक्टर किसे कहते है ?

पिच फैक्टर कोयल के दोनों साइड (पार्श्व) में उत्पन्न होने वाले विद्युत वाहक बल के सदिश योग्य तथा बीजगणितीय योग के अनुपात को पिच फैक्टर कहते है |

डिस्टीब्यूशन फैक्टर किसे कहते है?

डिसटीब्यूशन फैक्टर वह गुणांक जिसे गुणा करने पर यही विधुत वाहक बल प्राप्त होता है |

अल्टरनेटर की कीमत?

अल्टरनेटर (प्रत्यावर्तक) की कीमत उसकी क्षमता के अनुसार होती है अधिक जानकारी के लिए – click करें |

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