ट्रांसफार्मर आयल नाम | ट्रांसफार्मर के प्रकार | ट्रांसफार्मर क्या है | ट्रांसफार्मर का सिद्धांत क्या है | ट्रांसफार्मर का सूत्र, मात्रक, इंसुलेटर | ट्रांसफॉर्मर कितने वाट का होता है, आविष्कारक कौन है –
वैधुतिक जगत में एक ट्रांसफार्मर बिजली के उत्पादन से लेकर घरों/उधोगो के छोटे से छोटे वैधुतिक उपकरणों में अपनी सेवा देता है | ट्रांसफार्मर को निम्मी भाषा में परिणामित्र भी कहते है, इस वैधुतिक युक्ति का मुख्य कार्य एसी धारा के करंट और वोल्टेज के मान को बिना आवर्ती/Hz बदले स्थान्तरित करने का काम करता है| आइये जानते है वैधुत प्ररिणामित्र के बारे में सम्पूर्ण जानकारी –

ट्रांसफार्मर क्या है ?
ट्रांसफार्मर एक अल्टरनेटिव धारा पर काम करने वाली स्थिर युक्ति होती है जो कम प्रत्यावर्ती वोल्टेज/धारा को अधिक करता है और अधिक प्रत्यावर्ती को वोल्टेज/धारा कम करता है |
वैधुत ट्रांसफार्मर के प्रमुख भाग ?
वाइण्डिंग तार |
कोर/ क्रोड़ |
कोंटेक्ट इन्सुलेटर |
इन्सुलेशन आयल |
बोड़ी / बहारी आवरण |
कुलिंग पाइप/ ग्रिल |
कंजरवेटर |
ब्रिथर |
सिलिका जेली |
कुचालक पेपर / बार प्लेट |
ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया ?
ट्रांसफार्मर का आविष्कार Michael jaraday और जो सेब हेनरी ने किया इसे 1831 में दुनिया को दिखाया |
ट्रांसफार्मर का सिद्धांत ?
ट्रांसफार्मर फैराडे के अन्योन्य (mutual lnduction) या पारस्परिक प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है
ऑटो ट्रांसफार्मर का सिद्धांत ?
ऑटो ट्रांसफॉर्मर स्वप्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है इसमें एक ही वाइंडिंग होती है |
अन्योन्य प्रेरण (mutual induction) क्या है ?
जब एक कुंडली में प्रवाहित विधुत धारा के मान में परिवर्तन किया जाता है तो इसके पास रखी दूसरी कुंडली में प्रेरण के कारण विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जिसे दूसरी कुंडली में भी विधुत धारा बहने लग जाती है इसे अन्योन्य प्रेरण कहते हैं |
ट्रांसफार्मर की दक्षता ?
ट्रांसफार्मर एक स्थौतिक युक्ति की होती है इसमें कोई यांत्रिक हानि नहीं होती है इसकी दक्षता 95% से 98% तक होती है आदर्श ट्रांसफार्मर की दक्षता 100% होती है |
T/F की दक्षता = output power/input power×100
ट्रांसफार्मर में अधिकतम दक्षता कब होती है ?
जब इस युक्ति में लौह/क्रोड़ हानियाँ और वाईडिंग की हानियाँ समान हो जाती है तो, उस समय परिणामित्र अपनी उच्च दक्षता पर काम करता है |
स्थित हानि = अस्थित हानि
लौह हानि = ताम्र हानि

शुद्ध सिलिका जेल का रंग ?
शुद्ध सिलिका जेल का रंग नीला होता है एवं नमी सोकने के बाद सिलिका जेल का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है और यदि सिलिका जेल को वापस काम में लेने हेतु – तवे (heat) 150°C पर या इलेक्ट्रिक हीटर में इसको तापमान देकर उपयोग योग्य बना सकते है |
ट्रांसफार्मर की पत्तियों की मोटाई ?
ट्रांसफार्मर की पत्तियों की मोटाई क्या होती है ट्रांसफार्मर के पतियों की मोटाई 50 Hz प्रचालन के लिए प्राय 2.5 mm से दो 0.27 mm मोटी होती है और 25 Hz प्रचालन के हेतु पतियों की मोटाई 0.5 mm मोटी होती है |
ट्रांसफॉर्मर ऑयल के नाम ?
ट्रांसफार्मर में शीतलन एवं अचालकता के लिए प्रयोग किए जाने वाला तेल ट्रांसफॉर्मर ऑयल कहलाता है यह तेल मुख्यतः निम्न प्रकार का होता है-
खनिज तेल | यह पेट्रोलियम के शोधन से प्राप्त किया जाता है यह शुद्ध एवं नमी रहित होना आवश्यक है यह ज्वलनशील नहीं होता है न ही सरलता से ववाष्पीकृत होता है वास्तव में यह एक विशेष ग्रेड का मोबिल ऑयल है |
सिंथेटिक तेल | यह सिलिकॉन तथा हाइड्रोकार्बन द्रवों से तैयार किया जाता है महंगे होने के कारण इसका उपयोग भूमिगत प्रकार के ट्रांसफार्मर में किया जाता है | |
ट्रांसफार्मर में प्रेरित E.M.F किन कारणों पर निर्भर करता है ?
ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग में प्रेरित विद्युत वाहक बल क्रोड में उत्पन्न चुंबकीय फलक्स पर निर्भर करता है एवं वाइंडिंग में टर्नो की संख्या व आवर्ती पर भी निर्भर करता है |
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है ?
उपयोग और आवश्यकता के आधार पर एक वैधुतिक परिणामित्र/ट्रांसफार्मर को इस प्रकार बनाया और बाटा जा सकता है –
आउटपुट वोल्टता के आधार पर – | 1. उच्चायक ट्रांसफार्मर 2. अपचायक ट्रांसफार्मर |
क्रोड की संरचना के आधार पर – | 1. क्रोड प्रकार का ट्रांसफार्मर 2. शैल प्रकार का ट्रांसफार्मर 3. बैरी प्रकार का ट्रांसफार्मर |
फेज की संख्या के आधार पर – | 1. सिंगल/एक फेज ट्रांसफॉर्मर 2. थ्री/तीन फेज ट्रांसफार्मर |
शीतलन प्रणाली के आधार पर – | 1. प्राकृतिक रूप से शीतलित ट्रांसफार्मर 2. तेल द्वारा शीतलन ट्रांसफार्मर – (a) प्राकृतिक रूप से तेल द्वारा शीतलित (b) ऑयल ब्लास्ट द्वारा शीतलन 3. जल द्वारा शीतलित ट्रांसफार्मर 4. वायुदाब द्वारा शीतलित ट्रांसफार्मर |
स्थापना के आधार पर – | 1. इण्डोर ट्रांसफार्मर 2. आउटडोर ट्रांसफार्मर |
व्यापार आधार पर- | 1. पावर डिसटीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर 2. डिस्टि्ब्यूशन ट्रांसफार्मर |
आउटपुट क्षमता के आधार पर – | 1.ऑटो ट्रांसफॉर्मर 2.इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर (a) करंट ट्रांसफॉर्मर (b) पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर |
ट्रांसफॉर्मर कौनसी सप्लाई पर कार्य करता है ?
ट्रांसफॉर्मर केवल AC (प्रत्यावर्ती) सप्लाई पर ही कार्य करता है, यदि ट्रांसफॉर्मर को DC (दिष्ट) सप्लाई में जोड़ दिया जाए तो ट्रांसफार्मर की प्रइमरी वाइनिंग जल जाती है |
ट्रांसफार्मर की रेटिंग किसमे व्यक्त की जाती है ?
ट्रांसफॉर्मर की रेटिंग/क्षमता KVA या MVA में व्यक्त की जाती है |
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