[ सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है 2024 ] प्रकार, कनेक्शन, वाइंडिंग, स्टार्टर | Single Phase induction motor in Hindi

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का कार्य सिद्धांत | सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है | सिंगल फेज मोटर price | सिंगल फेज इंडक्शन मोटर के प्रकार | सिंगल फेज मोटर कनेक्शन | भारत में बिकने वाली प्रमुख सिंगल फेज मोटर ब्रांड/कम्पनियां –

single-phase-motor-in-hindi
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है

आज के समय विधुत उर्जा पर आधारित साधनों को निर्मित कर मानव काफी उन्नति कर चूका है विधुत से यांत्रिक शक्ति लेने के लिए विधुत मोटर मशीन का उपयोग होता है | एकल कला वैधुतिक मोटर को सैधांतिक रूप में आज हम विस्तार में बात करेंगे विधुत मोटर के प्रकारों में सबसे शुरूआती मशीन जो घरेलू और उद्योगों में सर्वोधिक उपयोग में आने वाली –

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर ?

घर से लेकर उद्योगों तक कम पावर खपत के साथ यह एक सामान्य मोटर होती है | सिधांत में सिंगल फेज मोटर सेल्फ स्टार्ट नहीं होती है क्योंकि इसमें घूमने वाला चुंबकीय क्षेत्र नहीं बनता है सिंगल फेज मोटर को सेल्फ स्टार्ट करने के लिए कम से कम दो फेजो की आवश्यकता होती है |

सिंगल फेज मोटर कितने प्रकार की होती है ?

सिंगल फेज मोटर मूलतः सेल्फ स्टार्ट मोटर नहीं होती है उसे सेल्फ स्टार्ट बनाने के लिए एक फेज को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है |

फेज विभक्त करने की विधि के अनुसार निम्न प्रकार की होती है –

प्रमुख एकल कला मोटरेएकल कला मोटर के प्रकार
स्प्लिट फेज इंडक्शन मोटर
कैपेसिटर इंडक्शन मोटर(a) कैपेसिटर स्टार्ट मोटर
(b) स्थायी कैपेसिटर मोटर
(c) कैपेसिटर-स्टार्ट कैपेसिटर-रन मोटर
शेडेड पोल मोटर
यूनिवर्सल मोटर
रिपल्शन मोटर(a) सामान्य रिपल्शन मोटर
(b) कम्पन्सेटेड रिपल्शन मोटर
(c) रिपल्शन-स्टार्ट इंडक्शन-रन मोटर
(d) रिपल्शन इंडक्शन मोटर
स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है
सिंगल-फेज-इंडक्शन-मोटर
सिंगल फेज मोटर कनेक्शन डायग्राम

(1) स्प्लिट फेज इंडक्शन मोटर –

इस प्रकार के मोटर को रजिस्ट्रेंस स्टार्ट इंडक्शन मोटर भी कहते है व इस प्रकार की मोटर का रोटर स्क्विरल केज प्रकार का होता है इस मोटर में मुख्यतः दो प्रकार की वाइंडिंग होती है-

1- मुख्य वाइंडिंग (रनिंग वाइंडिंग) 2 – सहायक वाइंडिंग (स्टार्टिंग वाइंडिंग)
रनिंग वाइंडिंग को मोटे तार तथा कम लपेटे की बनाई जाती है इसका प्रतिरोध कम तथा रिएक्टेंस उच्च होता है खांचों में इसे अधिक गहराई में स्थापित किया जाता है |स्टार्टिंग वाइंडिंग को पतले तार तथा अधिक लपेटे की बनाई जाती है इसका प्रतिरोध अधिक तथा रिएक्टेंस कम होता है इसे खांचों में रनिंग वाइंडिंग स्थापित करने के बाद स्थापित किया जाता है
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है
  1. रनिंग वाइंडिंग के सप्लाई के समांतर में तथा स्टार्टिंग वाइंडिंग को अपकेंद्रीय स्विच तथा कैपेसिटर के श्रेणी क्रम में संयोजित किया जाता है |
  2. कार्यप्रणाली :- स्प्लिट फेज इंडक्शन मोटर में रनिंग वाइंडिंग का रिएक्टेंस उच्च होने के कारण प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा आरोपित वोल्टता से 40° से 50° पिछड़ जाती है |
  3. सिंगल फेज इंडक्शन मोटर में स्टार्टिंग वाइंडिंग का इंडक्टिव रिएक्टेंस निम्न होने के कारण प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा आरोपित वोल्टेज के लगभग इनफेज (10° से 15° पिछडी हुए) होती है |
  4. इंडक्शन मोटर के 75% से अधिक गति प्राप्त कर लेने पर अपकेंद्रीय स्विच ओपन हो जाता है जिससे स्टार्टिंग वाइंडिंग में धारा प्रवाह शुन्य हो जाती है |
  5. स्प्लिट फेज मोटर के उपयोग:- इसका पावर फैक्टर 0.3 से 0.4 के बीच होता है तथा 5 Hp (हॉर्स पावर) तक की क्षमता की बनाई जाती है इसका प्रयोग छोटे पंप ग्राइंडर में किया जाता है |

स्प्लिट फेज मोटर की दिशा परिवर्तन –

इस मोटर में रनिंग और स्टाटिग वाइंडिंग सयोजन की दिशा परिवर्तित करने पर घूर्णन दिशा परिवर्तित की जाती है इसमें रनिंग वाइंडिंग के द्वारा उत्पन्न टार्क रनिंग तथा स्टार्टिंग वाइंडिंग के उत्पन्न टार्क के लगभग बराबर होता है |

स्प्लिट फेज मोटर कितने HP की होती है ?

स्प्लिट फेज मोटर 0.5 अश्व-शक्ति (HP) तक क्षमता की बनायी जाती है | सिंगल फेज मोटर की दक्षता भी कम होती है |

(2) कैपेसिटर इंडक्शन मोटर –

कैपेसिटर इंडक्शन मोटर में स्टार्टिंग वाइंडिंग के श्रेणी क्रम में एक कैपेसिटर को सयोजित किया जाता है जिसमें दोनों में फेज अंतराल 90 डिग्री होता है |

कैपैसिटर के संयोजन के आधार पर यह मोटर तीन प्रकार की होती है –

(A) कैपेसिटर स्टार्ट मोटर –

  • इसमें स्टार्टिंग वाइंडिंग के श्रेणी क्रम में 60 से 120 माइक्रो फैरड का कैपेसिटर संयोजित करते है |
  • स्टार्टिंग वाइंडिंग में प्रवाहित धारा विभव से 20° लीड करती है तथा रनिंग वाइंडिंग में प्रवाहित धारा विभव से 70° लेग करती है |
  • इसमें रनिंग टोर्च की अपेक्षा प्रारंभिक टार्क कई गुना ज्यादा होता है यदि मोटर में लोड में थोड़ा बहुत परिवर्तन होता है तो उसमें रनिंग टार्क संयोजित कर देते है |
  • जब मोटर अपनी 75% गति प्राप्त कर लेती है तो उसमें अपकेंद्रीय स्विच ओपन हो जाता है इसका उपयोग बेल्ट चलित पंखो में ब्लोअर फैन तथा ड्रायर में किया जाता है |

(B) स्थायी कैपेसिटर मोटर –

इसमें अपकेंद्रीय स्विच का प्रयोग नहीं किया जाता इसका उपयोग केवल कम प्रारंभिक टॉक वाली मशीनों में किया जाता है जैसे- छत व मेज का पंखा अर्क वेल्डिंग नियंत्रण आदि में किया जाता है इसमें प्रारंभिक टार्क व रनिंग टार्क लगभग बराबर होता है |

(C) कैपेसिटर-स्टार्ट कैपेसिटर-रन मोटर –

  • इसमे प्रारंभिक टार्क रनिंग टार्क से लगभग 3 गुना अधिक होता है |
  • इसका स्टार्टिंग में रनिंग दोनों में ही पावर फैक्टर कुछ रहता है |
  • जब इस मोटर में 25% से अधिक लोड आ जाता है तो यह पूर्ण दक्षता के साथ कार्य करती है |
  • इसका उपयोग रेफ्रिजरेटर एसी तथा कंप्रेसर आदि जहाँ अधिक प्रारंभिक टार्क की आवश्यकता है |

(3) शेडेड पोल मोटर –

  • इस मोटर की दक्षता कम होती है 5% से 35% होती है तथा वाट क्षमता भी कम होती है 3 वाट से 125 वाट तक होती है |
  • शेडेड पोल सेलियंट पोल का एक तिहाई होता है |
  • मुख्य वाइनिंग को सेलियंट पोल के उपर स्थापित किया जाता है तथा शेडेड पोल पर मोटे तांबे के तार की शॉर्ट सर्किट वाइंडिंग स्थापित की जाती है |
  • शेडेड पोल में विद्युत धारा के प्रवाह के कारण उसमें एक चुंबकीय फलक्स उत्पन्न होता है जो कि लेन्ज के नियम के अनुसार सेलियंट पोल का विरोध करता है |
  • इसकी गति सेलियंट से शेडेड की ओर होती है |
  • शेडेड मोटर का उपयोग:- शेडेड मोटर का उपयोग खिलौनों में हेयर ड्रायर में तथा छोटे मेज पंखो में किया जाता है |

(4) यूनिवर्सल मोटर –

यह मोटर AC व DC दोनों पर कार्य कर सकती है इसकी संरचना DC सीरीज मोटर के समान होती है और इसे AC सीरीज मोटर भी कहते है इसका उपयोग सीरीज में उत्पन्न होने वाले दोषो को दूर करने करके इसका उपयोग किया जाता है |

  • यूनिवर्सल मोटर DC सीरीज के सिद्धांत पर कार्य करती है अर्थात चुंबकीय खिंचाव बल पर
  • इसको DC से प्रचलित किया जाए या AC से प्रचलित किया जाए दोनों ही अवस्था में इसमें टार्क की दिशा समान रहती है |
  • यूनिवर्सल मोटर की गति लोड के व्यत्क्रमानुपाती होती है |
  • इसमें सामान्यतः 2 से 4 पोल होते है अर्थात घूर्णन गति 1500 rpm से 3000 rpm के बीच होती है |
  • यूनिवर्सल मोटर का उपयोग:- मिक्सर, ग्राइंडर, ज्यूसर, वेक्यूम क्लीनर, ड्रिल मशीन तथा सिलाई मशीन में किया जाता है यूनिवर्सल मोटर का विशेष उपयोग रेलवे में किया जाता है |
  • 25Hz
  • 200 से 600 vott
  • 2200Hp
  • इस की घूर्णन दिशा आर्मेचर टर्मिनल बदलकर या फील्ड वाइंडिंग टर्मिनल बदल कर की जा सकती है |
  • यूनिवर्सल मोटर की गति नियंत्रण:- रिहोस्टेट की सहायता से 3 से 4 टेपिंग निकाल कर गति को कम या ज्यादा किया जाता है |
सिंगल-फेज-मोटर
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है

(5) रिपल्शन मोटर –

रिपल्शन मोटर के समान चुंबकीय ध्रुव में प्रतिकर्षण होता है और इसी सिद्धांत पर यह मोटर कार्य करती है यह मोटर सबसे महंगी मोटर होती है |

  • इसमें प्रारंभिक धारा निम्न होती है इसकी घुर्णन दिशा को आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है |
  • इसमें अधिक लोड सहन करने की क्षमता होती है इन्हीं गुणों के कारण इसको सबसे अधिक प्रयोग उद्योगों में किया जाता है |

रिपल्शन मोटर की सरचना:- इसमें स्टेटर के बीच एक आर्मेचर एक कम्युटेटर तथा दो कार्बन ब्रश होता है कार्बन ब्रुशो को आपस में शॉर्ट सर्किट कर दिया जाता है अब यदि हम शॉर्ट सर्किट कार्बन ब्रश को स्टेटस के साथ लगभग 20° पर स्थापित कर दिया जाता है तो इसका प्रारंभिक टार्क बहुत अधिक हो जाता है |

रिपल्शन मोटर दिशा परिवर्तन –

जब कार्बन ब्रश को 20° बाए अंश से 20° दाए अंश की ओर स्थापित कर दिया जाए तो घूर्णन दिशा परिवर्तित हो जाती है |

(6) एकल-फेज स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर –

इसमें केवल एक वाइंडिंग स्थापित की जाती है जिसे रनिंग वाइंडिंग कहते है |

  • रनिंग वाइंडिंग को सेल्फ स्टार्ट बनाने के लिए 90 डिग्री का फेज अंतराल होना चाहिए | इसलिए इसके लिए एक पर प्रतिरोध तथा दूसरे सिरे पर एक इंडक्टिव काॅयल सयोजित रहती है |
  • इस मोटर में थ्री फेज स्टार वाइंडिंग होती है जो स्लिप रिंगो से प्रति परिवर्तित प्रतिरोधक से जुड़ी रहती है |
  • जैसे-जैसे मोटर की घूर्णन गति बढ़ती है बाह्य प्रतिरोध को घटा दिया जाता है |

एकल-फेज स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर उपयोग :- इस मोटर का उपयोग ग्राइंडर लेथ मशीन में तथा रेफ्रिजरेटर में किया जाता है इसकी घूर्णन दिशा को परिवर्तित किया जा सकता है इसका उपयोग परिवर्तित मोटर के रूप में भी किया जाता है |

भारत में बिकने वाली प्रमुख सिंगल फेज मोटर ब्रांड/कम्पनियां?

मुख्यत देश में ज्यादातर बिकने वाले एकल फेज की मोटरे निम्न है – किर्लोस्कर, एग्रीप्रो, हैवेल्स, Eagle, सोनी-डीएक्स एमएक्सवोल्ट MXVOLT, टेक्समो, एबीबी मोटर, 1LE1503, सीमेंस, Orient, Jupiter, क्रॉम्पटन, ओसवाल आदि जाने-माने ब्रांड है |

सिंगल फेज मोटर Price?

एकल फेज में कई रेट और प्रकार की मोटरे बाजार में उपलब्ध है, सिंगल फेज मोटर की price उसकी पावर/क्षमता, ब्रांड आदि पर निर्भर करती है | ऑनलाइन प्राइस देखे – सिंगल फेज मोटर

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का पावर फैक्टर क्या होता है?

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का पावर फैक्टर 0.3 से 0.4 के बीच होता है | सिंगल फेज मोटर की दक्षता कम होती है तथा इसका पावर फैक्टर का मान भी कम होता है |

यह भी जरूर पढ़ें…

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या है

Leave a Comment